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Friday 20 January 2012

मल्लिका और धनुष सर्वाधिक हॉट शाकाहारी सेलिब्रिटी

बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका सहरावत और कोलावरी डी से प्रसिद्ध हुए अभिनेता धनुष को पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफएनिमल्स द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में साल 2011 का सर्वाधिक हॉट शाकाहारी सेलिब्रिटी चुना गया है। उन्होंने बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी समेत अन्य हस्तियों को पीछे छोड़कर यह खिताब हासिल किया है।
पशु अधिकार समूह ने कहा, साल 2011 का सर्वाधिक हॉट शाकाहारी सेलिब्रिटी को चुनने में पेटा इंडिया की मदद करने के लिए हजारों लोगों ने अपना मत डाला और धनुष तथा मल्लिका सहरावत को विजेता घोषित किया गया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता धनुष और मल्लिका ने इस दौड़ में पहले आगे चल रहे विवेक ओबराय और विद्या बालन को पीछे छोड़ दिया और उसके बाद उन्हें अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, सोनू सूद, शाहिद कपूर और करीना कपूर जैसी हस्तियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।

Sunday 15 January 2012

 रूश्दी की यात्रा को लेकर राजस्थान की राजनीति में बवाल

 देवबंद एवं भाजपा के बाद विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी का विरोध जयपुर तक आ पहुंचा। रूश्दी की यात्रा को लेकर राजस्थान की राजनीति में बवाल मच गया है। भाजपा सहित विभिन्न संगठनों ने राज्यभर में आंदोलन चलाने की तैयारी कर ली है।
भाजपा एवं मुस्लिम संगठन जहां रूश्दी की यात्रा का विरोध कर रहे है, वहीं कांग्रेस इस मामले को लेकर मुश्किल में फंस गई है। ना तो कांग्रेस संगठन का कोई पदाधिकारी इस बारे में बोलने को तैयार है, ना ही राज्य सरकार का कोई मंत्री बोलना चाहता है। जयपुर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सहित कई मुस्लिम संगठनों ने रूश्दी का वीजा खत्म करने की मांग की। कइयों ने रूश्दी के जयपुर आने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। वहीं कांग्रेस भी इस मामले में फंसती नजर आ रही है। कांग्रेस रूश्दी को अनुमति देने की बात केंद्र सरकार पर डाल रही है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते वह मुसलमानों की नाराजगी नहीं झेलना चाहती। भाजपा ने भी रूश्दी को वीजा दिए जाने की घोर निंदा करते हुए सरकार से जवाब मांगा कि बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन एवं रुश्दी के मामले में अलग-अलग निर्णय क्यों?
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने नसरीन का हवाला देते हुए कहा कि कलाकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में केंद्र एक जैसा रवैया रखे। भाजपा का कहना है कि देश में रूश्दी के स्वागत के अनुकूल परिस्थितियां न होने के बावजूद उन्हें वीजा दिया गया। रूश्दी 20 से 24 जनवरी तक जयपुर में होने वाले साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेने आने वाले हैं। इससे पहले दारुल उलूम के मोहतमिम [वीसी] मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने भारत सरकार से रूश्दी का वीजा तुरंत रद्द नहीं किया जाता तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक मामला उठाया जाएगा। उन्होंने इस मामले में मुस्लिम नेताओं को एकजुट होने को कहा है। भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रूश्दी का पूरा नाम अहमद सलमान रूश्दी को वीजा दिए जाने को लेकर भारत में बवाल पैदा हो गया है। 1988 में आए सलमान रूश्दी के उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज [शैतानी आयतें] के कारण रूश्दी विवादों में रह चुके हैं। इस उपन्यास के कारण उन्हें दुनियाभर में विरोध का सामना करना पड़ा है। उपन्यास पर भारत समेत 13 देशों में प्रतिबंध लगा, जो आज भी जारी है। इधर भारत दौरे पर विवाद के बीच विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी ने अपने ट्विट में साफ कर दिया है कि भारत जाने के लिए उन्हें वीजा की जरूरत नहीं है। रूश्दी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। अपनी किताबों में मुस्लिमों के खिलाफ लिख विवाद में आए रूश्दी का भारत में घोर विरोध हुआ है। जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजक संजय के रॉय का कहना है कि महोत्सव पूरी तरह साहित्यिक है एवं देश में अभिव्यक्ति की आजादी व लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप है। 

Friday 13 January 2012

मंत्री और कलेक्टर आमने-सामने
अजमेर में किस का निजाम चलेगा और खास तौर पर शिक्षा विभाग में। ये सवाल है जो इन दिनों अजमेर के हर वाशिन्दे और खास तौर पर शिक्षा विभाग के उन कर्मचारियों की जुबान पर है। सभी इस बात को मानते हैं कि लगातार गिर रहे पारे ने लोगों का घर से बाहर निकलना मुहाल कर दिया है और ऐसी स्थिति में उन मासूम बच्चों का हास समझा जा सकता है, जिन्हें सवेरे तैयार होकर स्कूल की राह पकडऩी पड़ती है।
सभी इस बात को मानते है कि इस भरी सर्दी में बच्चों का स्कूल जाना मुमकीन नहीं। यह बात शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ को भी अभिभावकों और शिक्षा संगठनों ने कही।
लोगों को आशा थी कि बच्चों को मंत्री की पहल पर राहत जरुर मिलेगी। इंसाफ को भी इस बात का गुमान था कि उनकी बात को टालना जिला कलेक्टर के लिए आसान नहीं होगा। शायद यही वजह रही कि इंसाफ ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अजमेर शहर में प्राथमिक स्कूलों की छुट्टी कर दिये जाने की अनुशंषा कर दी, यह बात अलग रही कि जिला कलेक्टर ने मंत्री की अनुशंषा को टके का भाव नहीं दिया।
जिला कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि बच्चों को राहत देने के लिए पूर्व में ही स्कूल के समय में परिवर्तन कर दिया है, ऐसे में छुट्टी का कोई औचित्य न•ार नहीं आता।
बड़ी बात यह है कि नसीम अख्तर की बात को पुख्ता करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मंजू दाधीच ने भी छुट्टी के सम्बन्ध में एक अनुशंषा पत्र जिला कलेक्टर को भिजवा दिया। किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि जिला कलेक्टर इस तरह से मंत्री के आदेशों को रद्दी की टोकरी दिखा देंगी। सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभिभावक अपने बच्चों की सेहत को लेकर चिन्ताग्रस्त हैं।
जाहिर तौर पर हाथियों की लड़ाई में घास पिस रही है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्यों ? अहम की इस लड़ाई मनें बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।

Wednesday 11 January 2012

पर्यटक पुलिस का विशेष दल गठित कर तैनाती आवश्यक

सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती  की पवित्र दरगाह पूरी दुनिया में नेक नियति, ईलम और सद्भावना की ज्योत जगाती है और यही कारण है कि हर वर्ष लाखों लोग इस मुकद्दस मुकाम पर सर झुकाने खिचें चले आते हैं। इस बात में दो राय नहीं कि अजमेर के वाशिन्दे ख्वाजा के दर पर आने वाले जायरीन को मेहमान मानते हैं, मगर फिर भी इस दर से लौटने वाले खुश होकर नहीं जाते। इसके पीछे की खास वजह है यहां अपनी पैठ बना चुके नशाखोर, भिखारी और जेबकतरे, जिनके लिए हमारे मेहमान महज एक शिकार है। दरगाह थाना पुलिस को हर माह दर्जनों जेबतराशी और बदसलूकी की शिकायतें मिलती है। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो सैकड़ों ऐसे जायरीन भी होते हैं जो माल और इज्जत गवाने के बाद शिकायत करने से बेहतर घर चले जाना समझते हैं।
हालात जायरीनों के लिए कितने बदतर है इसे केवल वे ही समझते हैं जो भुगतते हैं। खास बात यह है कि पीडि़तों में आम से लेकर खास तक सब शामिल है। इतना होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई ऐसे पुख्ता कदम नहीं उठाए गये जो जायरीन को उसकी सुरक्षा के प्रति निश्चित कर पाये।
शहर का हर बाशिन्दा इस बात से परिचित है कि दरगाह इलाके में नशे का कारोबार जड़े जमा चुका है। यहां नशा ही अपराधों की सबसे बड़ी वजह है। इस बात की शिकायत खादिमों की संस्था अन्जुमन सैयद जादगान सहित अनेक संगठनों ने दरगाह थाना अधिकारी से लेकर गृहमंत्री और मुख्यमंत्री तक से अनेक बार की, मगर राज्य सरकार ने कोई पुख्ता एक्शन प्लॉन बनाने के बजाय हर बार केवल फौरी कार्यवाही कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली।

अब शायद सही समय आ गया है जब राज्य सरकार को यहां पर्यटक पुलिस का विशेष दल गठितकर तैनात कर देना चाहिए, जो पर्यटकों के मार्गदर्शन के साथ ही उनकी सुरक्षा को भी पुख्ता कर पाएं। सही सोच और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ यदि ऐसा किया गया तो हो सकता है कि हम यहां आने वाले देशी-विदेशी जायरीन के मध्य एक अच्छा संदेश दे पाएं।

Monday 9 January 2012


अद्भुत व भव्य होगा
श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जिनबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव
 
नया साल अजमेर में दिगम्बर जैन धर्मावलम्बियों के लिए अद्भुत होगा। क्योंकि 30 जनवरी से 5 फरवरी तक यहां भव्य पंच-कल्याण महोत्सव आयोजित होगा। धर्म प्रभावना होगी-भक्ति होगी।
अपने लिए घर बनाना, दुकान बनान, कोठियां बनवाना या अन्य कार्य जो स्वहित में हो सभी करते आए हैं पर ऐसे विरले कम ही होते हैं जो जनहित समाजहित में भी अपनी छाप छोड़ते हैं। ऐसे ही ख्यातनाम पूनमचन्द लुहाडिय़ा परिवार भी अनेकों में एक है जिनका पहले से ही पुरानी मंडी में एक श्री सीमन्धर जिनालय के नाम से एक विशाल मंदिर है जो वीतराग विज्ञान स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट के अन्तर्गत है इन्हीं लुहाडिय़ा परिवार की ओर से वैशाली नगर में नए भव्य जिन मंदिर जी का निर्माण आसपास के क्षेत्रों में बसे जैन बंधुओं के दर्शनार्थ लाभ की दृष्टि से बनवाया गया है। धन्य है पूनमचन्द लुहाडिय़ा परिवार जो स्व:हित को तज जनहित धर्महित में लीन है। ऐसे भव्य पुरूष को लाख-लाख साधुवाद।
अभी हाल ही में नवनिर्मित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का जिनबिम्ब पंचकल्याणक महोत्सव की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन ऋषभायतन अध्यात्मधाम परिसर वैशाली नगर में 21 दिसम्बर को प्रात: जिनेन्द्र प्रक्षाल पूजन एवं शास्त्र प्रवचन पश्चात् हुआ।
 
समारोह में मुख्य अतिथि ओ. पी. जैन आयकर आयुक्त, मित्तल अस्पताल के सी. ओ. एस. के. जैन  और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विशेषाधिकारी प्रकाश चन्द जैन विशिष्ट अतिथि व समारोह के अध्यक्ष पद पर प्रमोद सोनी अपनी गरिमा बनाये बैठे थे।
 
पत्रिका का विमोचन किशनगढ़ के भूतपूर्व नगरपालिका अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकत्र्ता प्रदीप चौधरी ने किया। ज्ञात रहे ये वे ही प्रदीप चौधरी है जिन्होंने अभी साल दो साल पहले किशनगढ़ में वीतराग मंदिर का निर्माण कराया पर अफसोस रहा कि इस भव्य पुण्य की भागेदारी में समाज ने बहिष्कार किया। पर धर्मायतन लोगों के कहां फर्क पडऩे वाला। जिन चौधरी परिवार ने मंदिर का निर्माण कराया वो किशनगढ़ की जनता के लिए ही था पर समाज की फूट उस वक्त खुलकर सामने आई। ये उद्गार अपने भाषण में चौधरी ने अजमेर में कहे व अजमेर की जनता से कहा कि वे इस पुण्य की भागीदारी में अपनी सम्पूर्ण निष्ठा के साथ धर्मलाभ लें व सहयोग करें।

इस पंचकल्याणक महोत्सव में मंदिरजी में मुख्य वेदी में भगवान आदिनाथ की पद्मासन व अन्य दोनों वेदियों में भगवान बाहुबलि व भगवान भरत की 61 इंची खडगासन मूर्तियां विराजित की जायेगी। प्रथम तल पर उत्तंग शिखरों का निर्माण एवं नंदीश्वर जिनालयों की प्रतिकृति स्वरूप 52 लघु शिखरों का निर्माण किया गया है। आदिनाथ भगवान का मानस्तम्भ एवं प्राचीन आचार्यों के चरण एवं जिनवाणी विराजमान करने हेतु 6 लघु वेदियां भी बनाई गई हैं।
ज्ञात रहे श्री ऋषभायतन अध्यात्धाम मंदिर का शिलान्यास समारोह 18 जुलाई 2008 शुक्रवार को किया गया था। भूतल पर श्री कुन्दकुन्द परमागम स्वाध्याय भवन व श्री वीतराग विज्ञान पाठशाला भवन का निर्माण भी किया गया है।

21 दिसम्बर को विमोचन कार्यक्रम में भगवान की मूर्ति प्रदाता भेंटकत्र्ता पूनमचन्द लुहाडिय़ा परिवार, विमलचंद जैन नीरू केमीकल्स दिल्ली एवं जिनेन्द्र कुमार सेठी इन्दौर का स्वागत किया गया। अन्य भगवान की मूर्तियों के प्रदाता छीतरमल, अशोक कुमार, संजय बाकलीवाल परिवार पीसांगन एवं प्रो. उमरावमल, प्रवीण गंगवाल परिवार अजमेर भी इस पुण्य की भागीदारी में शामिल हैं इनका भी स्थानीय समाज द्वारा सम्मान किया गया। इसमें विभिन्न उद्घाटन, ध्वजारोहण कत्र्ता, महोत्सव में भाग लेने वाले इन्द्र इन्द्राणी, राजा-रानी एवं सौभाग्यशाली पात्रों का सम्मान किया गया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम विधि विधान सहित प्रतिष्ठाचार्य पं. जतीशचन्द्र शास्त्री दिल्ली एवं सह प्रतिष्ठाचार्य अश्विन शास्त्री ने किया।

समारोह में समाज के स्थानीय धड़ों के पदाधिकारी सहित पुखराज पहाडिय़ा, विनयचंद सोगानी, मनोज कासलीवाल, राजेन्द्र गदिया, प्रकाशचन्द पांड्या, प्रवीण गदिया, माणकचन्द गदिया, त्रिलोकचन्द सोनी, प्रचार संयोजक अकलेश जैन सहित समाज के प्रबुद्ध लोग, पत्रकार, गणमान्य लोग, महिलाएं भारी तादाद में मौजूद थे। समारोह का कुशल संयोजन प्रो. सुशील पाटनी ''शील  ने किया।
अंत में पूनमचन्द लुहाडिय़ा व परिवार ने समाज से विनम्र आग्रह किया कि वे इस पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल हो समारोह की शोभा बढ़ायें।